सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

संदेश

दिसंबर, 2013 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

विशेष

मुखपोथी (फेसबुक)पर लोकप्रिय भेल किछु शेर

'मैथिली शाइरी' जे कि सामाजिक सञ्जालक युगमे पछिला एक दशकसँ बहुक लोकप्रिय भेलै आओर दिनप्रति दिन एकर लोकप्रियतामे निरन्तर वृद्धि भऽ रहल छै । पाठक सभक प्रेमकें ध्यानमे रखैत शेर- ओ-शाइरीक एहि यात्रामे हम फेसबुक पर शेर सभ साझा करैत रहैत छी । सन् २०२५ मे एखन धरि प्रस्तुत भेल शेर निम्न प्रकार अछि । मैथिली गजल प्रेमी सभसँ निहोरा अछि जे  ई पढि  अपन प्रतिकृया देल जाय । फेसबुकपर देखबाक लेल क्लिक करू फेसकुबपर देखबाक लेल क्लिक करू   फेसकुबपर देखबाक लेल क्लिक करू फेसबुकपर देखबाक लेल क्लिक करू फेसबुकपर देखबाक लेल क्लिक करू फेसबुकपर देखबाक लेल क्लिक करू पढबाक लेल धन्यवाद ।

गजल - दर्दसँ भरल गजल छी हम

दर्दसँ भरल गजल छी हम शोकसँ सजल महल छी हम सुख केर आशमे बैसल दुखमे खिलल कमल छी हम भितरी उदास रहितो बस बाहरसँ बनि हजल छी हम जिनगी कऽ बाटपर सदिखन सहि चोट नित चलल छी हम कुन्दन सुना रहल अछि ई संघर्षमे अटल छी हम मात्रा क्रम : 2212-1222 © कुन्दन कुमार कर्ण

माहिया

रुबाई

बात मोनक अहांसँ कहि रहल छी हम दर्द जे देलौं से सहि रहल छी हम हँसैत रहै छी हियापर राखि पत्थर विरहक संग असगर रहि रहल छी हम