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जनवरी, 2014 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

विशेष

मुखपोथी (फेसबुक)पर लोकप्रिय भेल किछु शेर

'मैथिली शाइरी' जे कि सामाजिक सञ्जालक युगमे पछिला एक दशकसँ बहुक लोकप्रिय भेलै आओर दिनप्रति दिन एकर लोकप्रियतामे निरन्तर वृद्धि भऽ रहल छै । पाठक सभक प्रेमकें ध्यानमे रखैत शेर- ओ-शाइरीक एहि यात्रामे हम फेसबुक पर शेर सभ साझा करैत रहैत छी । सन् २०२५ मे एखन धरि प्रस्तुत भेल शेर निम्न प्रकार अछि । मैथिली गजल प्रेमी सभसँ निहोरा अछि जे  ई पढि  अपन प्रतिकृया देल जाय । फेसबुकपर देखबाक लेल क्लिक करू फेसकुबपर देखबाक लेल क्लिक करू   फेसकुबपर देखबाक लेल क्लिक करू फेसबुकपर देखबाक लेल क्लिक करू फेसबुकपर देखबाक लेल क्लिक करू फेसबुकपर देखबाक लेल क्लिक करू पढबाक लेल धन्यवाद ।

गजल - नेहक झूठ आश नै दिअ

नेहक झूठ आश नै दिअ धरती बिनु अकाश नै दिअ हो अस्तित्व नै हमर जतऽ तेहन ठाम बास नै दिअ अनहारे रहत हमर हिय ई फुसिकेँ प्रकाश नै दिअ हम छी जाहिमे बसल नै से बेकार सांस नै दिअ नै चाही सिनेह एहन जिनगीमे हतास नै दिअ मात्रा क्रम : 2221-2122 (मफऊलात–फाइलातुन) © कुन्दन कुमार कर्ण

गजल - हमरा देखिते ओ लजा गेलै

हमरा देखिते ओ लजा गेलै जादू नेहकेँ ओ चला गेलै भेलै कात नै ई नजरि कनियो चुप्पे चाप नैनसँ बजा गेलै रहितो दूर देहसँ हमर जे ओ छातीमे बुझायल सटा गेलै अनचिन्हार छल ओ मुदा एखन सदिखन लेल अप्पन बना गेलै कुन्दन केर ओ मानिकेँ जिनगी कोमलसन हियामे बसा गेलै मात्रा क्रम : 2221-2212-22 © कुन्दन कुमार कर्ण

भक्ति गजल - आइ लव यू शिव

आइ लव यू शिव हियसँ बाजू शिव मोन मन्दिरमे सभ सजाबू शिव गीतमे सदिखन मात्र गाबू शिव भक्ति घट घटमे भजि जगाबू शिव एक नारा बस नित लगाबू शिव मात्राक्रम : 2122-2 © कुन्दन कुमार कर्ण मैथिली भक्ति गजल