बात मोनक अहांसँ कहि रहल छी हम
दर्द जे देलौं से सहि रहल छी हम
हँसैत रहै छी हियापर राखि पत्थर
विरहक संग असगर रहि रहल छी हम
दर्द जे देलौं से सहि रहल छी हम
हँसैत रहै छी हियापर राखि पत्थर
विरहक संग असगर रहि रहल छी हम
“साहित्य व्यक्ति कऽ सभ्य आ गजल अनुशासित बनाबै छै ।”
Friday, December 6, 2013
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