गीत - अगर मुझ से मुहब्बत है...... फिल्म - आप की परछाइयां (१९६४) गीतकार - राजा मेहदी अली खान गायिका - लता मंगेश्वर संगीतकार - मदन मोहन 1222 - 1222 - 1222 - 1222 (बहर - हजज मुसम्मन सालिम) अगर मुझसे मुहब्बत है मुझे सब अपने ग़म दे दो इन आँखों का हर इक आँसू मुझे मेरी क़सम दे दो अगर मुझसे मुहब्बत है....... तुम्हारे ग़म को अपना ग़म बना लूँ तो क़रार आए तुम्हारा दर्द सीने में छुपा लूँ तो क़रार आए वो हर शय जो तुम्हें दुःख दे मुझे मेरे सनम दे दो अगर मुझसे मुहब्बत है........ शरीक ए ज़िंदगी को क्यूँ शरीक-ए-ग़म नहीं करते दुखों को बाँट कर क्यूँ इन दुखों को कम नहीं करते तड़प इस दिल की थोड़ी सी मुझे मेरे सनम दे दो अगर मुझसे मुहब्बत है....... इन आँखों में ना अब मुझको कभी आँसूँ नज़र आए सदा हँसती रहे आँखें सदा ये होंठ मुस्काये मुझे अपनी सभी आहें सभी दर्द ओ अलम दे दो अगर मुझसे मुहब्बत है मुझे सब अपने ग़म दे दो इन आँखों का हर इक आँसू मुझे मेरी क़सम दे दो अगर मुझसे मुहब्बत है..... तक्तीअ अगर मुझसे/ मुहब्बत है/ मुझे सब अप/ ने ग़म दे दो इनाँखों का/ हरिक आँसू/ मुझे मेरी/ क़सम दे दो तुम्हारे ग़म/ को अपना ग़म/ बना लूँ तो/ क़रारा
कर्ममे एना रमा जाउ संगी
स्वर्गमे सिड़ही लगा जाउ संगी
भेटलै ककरा कथी मेहनत बिनु
बाट गन्तव्यक बना जाउ संगी
नै घृणा ककरोसँ नै द्वेष राखू
नेह चारु दिस बहा जाउ संगी
चित्तमे सुनगत अनेरो जँ चिन्ता
धूँइयामे सब उड़ा जाउ संगी
ठेस लागल ओकरे जे चलल नित
डेग उत्साहसँ बढा जाउ संगी
किछु करु हो जैसँ कल्याण लोकक
नाम दुनियामे कमा जाउ संगी
ओझरी छोड़ाक जिनगीक आबो
संग कुन्दनके बिता जाउ संगी
फाइलुन–मुस्तफइलुन–फाइलातुन
© कुन्दन कुमार कर्ण
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