दर्दके सेहो ई दर्द दर्दनाक बुझाइ छै
लोक छै किछु जकरा लेल सब मजाक बुझाइ छै
एक छनमे बन्हन तोड़ि गेल बात बनाक ओ
आब नाता हमरो सूतरीक टाक बुझाइ छै
सोझके दुनियामे के पुछै समाज जहर बनल
नैन्ह टा बच्चा आ बूढ़ सब चलाक बुझाइ छै
धुंइया जोरक उठलै पड़ोसियाक दलानमे
रचयिता एहन षड्यंत्र केर पाक बुझाइ छै
मोंछ पर तेजी ओकीलबा घुमाक दएत छै
कचहरीके मुद्दामे बढल तलाक बुझाइ छै
2122-2221-2121-1212
© कुन्दन कुमार कर्ण
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