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दिसंबर, 2020 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

विशेष

मुखपोथी (फेसबुक)पर लोकप्रिय भेल किछु शेर

'मैथिली शाइरी' जे कि सामाजिक सञ्जालक युगमे पछिला एक दशकसँ बहुक लोकप्रिय भेलै आओर दिनप्रति दिन एकर लोकप्रियतामे निरन्तर वृद्धि भऽ रहल छै । पाठक सभक प्रेमकें ध्यानमे रखैत शेर- ओ-शाइरीक एहि यात्रामे हम फेसबुक पर शेर सभ साझा करैत रहैत छी । सन् २०२५ मे एखन धरि प्रस्तुत भेल शेर निम्न प्रकार अछि । मैथिली गजल प्रेमी सभसँ निहोरा अछि जे  ई पढि  अपन प्रतिकृया देल जाय । फेसबुकपर देखबाक लेल क्लिक करू फेसकुबपर देखबाक लेल क्लिक करू   फेसकुबपर देखबाक लेल क्लिक करू फेसबुकपर देखबाक लेल क्लिक करू फेसबुकपर देखबाक लेल क्लिक करू फेसबुकपर देखबाक लेल क्लिक करू पढबाक लेल धन्यवाद ।

गजल

चलाकक शहरमे चलाकी कऽ विधि जानि लेलौं  गजब भेल चालनिसँ हम पानि जे छानि लेलौं  बहुत दिनसँ खोजैत रहियै अपन शत्रुके हम  अचानक नजरि ऐना पर गेल पहिचानि लेलौं  मिला देत ओ माटिमे हमरा धमकी दऽ गेलै  जनमि गाछ छू लेब हमहूँ गगन ठानि लेलौं  कते साक्ष्य प्रस्तुत करू आर प्रेमक परखमे  अहाँ केर पाथर हिया देवता मानि लेलौं  कलीके खिलल‌ देखि बचपन पड़ल मोन काइल  भसाबैत निर्मालके देखिते आइ हम कानि लेलौं  विरहमे किए मित्र जिनगी बितेबै अनेरो  पहिल छोड़ि गेलै त की दोसरो आनि लेलौं  अलग बात छै ई जे हम होशमे नै छी 'कुन्दन'  भले लड़खड़ाइत अपन ठाम ठेकानि लेलौं  122-122-122-122-122  (बहरे मुतक़ारिब मोअश्शर सालिम)  © कुन्दन कुमार कर्ण