'मैथिली शाइरी' जे कि सामाजिक सञ्जालक युगमे पछिला एक दशकसँ बहुक लोकप्रिय भेलै आओर दिनप्रति दिन एकर लोकप्रियतामे निरन्तर वृद्धि भऽ रहल छै । पाठक सभक प्रेमकें ध्यानमे रखैत शेर- ओ-शाइरीक एहि यात्रामे हम फेसबुक पर शेर सभ साझा करैत रहैत छी । सन् २०२५ मे एखन धरि प्रस्तुत भेल शेर निम्न प्रकार अछि । मैथिली गजल प्रेमी सभसँ निहोरा अछि जे ई पढि अपन प्रतिकृया देल जाय । फेसबुकपर देखबाक लेल क्लिक करू फेसकुबपर देखबाक लेल क्लिक करू फेसकुबपर देखबाक लेल क्लिक करू फेसबुकपर देखबाक लेल क्लिक करू फेसबुकपर देखबाक लेल क्लिक करू फेसबुकपर देखबाक लेल क्लिक करू पढबाक लेल धन्यवाद ।
अपनके अपना हिसाबे बुझू
रचलके रचना हिसाबे बुझू
असलमे सब किछु रहै छै कहूँ
सृजनके सृजना हिसाबे बुझू
हिया पर शब्दक असर जे पड़ै
गजलके गहना हिसाबे बुझू
कहाँ भेटत सोच उठले सभक
धसलके धसना हिसाबे बुझू
जरनिहारोके कतहुँ नै कमी
जरलके जरना हिसाबे बुझू
अतीतक नै याद कुन्दन करू
घटलके घटना हिसाबे बुझू
122-221-2212
© कुन्दन कुमार कर्ण
रचलके रचना हिसाबे बुझू
असलमे सब किछु रहै छै कहूँ
सृजनके सृजना हिसाबे बुझू
हिया पर शब्दक असर जे पड़ै
गजलके गहना हिसाबे बुझू
कहाँ भेटत सोच उठले सभक
धसलके धसना हिसाबे बुझू
जरनिहारोके कतहुँ नै कमी
जरलके जरना हिसाबे बुझू
अतीतक नै याद कुन्दन करू
घटलके घटना हिसाबे बुझू
122-221-2212
© कुन्दन कुमार कर्ण
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