'मैथिली शाइरी' जे कि सामाजिक सञ्जालक युगमे पछिला एक दशकसँ बहुक लोकप्रिय भेलै आओर दिनप्रति दिन एकर लोकप्रियतामे निरन्तर वृद्धि भऽ रहल छै । पाठक सभक प्रेमकें ध्यानमे रखैत शेर- ओ-शाइरीक एहि यात्रामे हम फेसबुक पर शेर सभ साझा करैत रहैत छी । सन् २०२५ मे एखन धरि प्रस्तुत भेल शेर निम्न प्रकार अछि । मैथिली गजल प्रेमी सभसँ निहोरा अछि जे ई पढि अपन प्रतिकृया देल जाय । फेसबुकपर देखबाक लेल क्लिक करू फेसकुबपर देखबाक लेल क्लिक करू फेसकुबपर देखबाक लेल क्लिक करू फेसबुकपर देखबाक लेल क्लिक करू फेसबुकपर देखबाक लेल क्लिक करू फेसबुकपर देखबाक लेल क्लिक करू पढबाक लेल धन्यवाद ।
प्रकृति केर लीला अदभूत
टिकल केहनो नै मजगूत
चलल पूरबा छै धुरझार
हवामे उड़ल टिकली फूत
सजल छै समुच्चा संसार
विधाताक रचना अजगूत
कहल गेल बालक अवतार
मनुष भूमि पर दैवक दूत
उठब भिनसरे भोरे भोर
समय पर हमर बौआ सूत
उगल रवि किरण बदरी चीर
गगनमे परम छवि साबूत
लगनशील रहबै सब दिन जँ
सफलता मिलत मिथिला पूत
फऊलुन्-फऊलुन्-मफ़ऊल
© कुन्दन कुमार कर्ण
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें